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नई दिल्ली. दिल्ली कैपिटल्स की आखिरी उम्मीद भी चेन्नई में तब स्वाहा हो गई जब मेजबान सीएसके के खिलाफ उसे हार का सामना करना पड़ा. चेन्नई सुपर किंग्स से मिली इस हार के बाद प्वाइंट टेबल में उसके 8 अंक हैं. यानी दिल्ली कैपिटल्स अब अगर अपने बाकी बचे तीनों मैच जीत ले तब भी 14 अंक से आगे नहीं बढ़ पाएगी. आईपीएल 2023 के प्लेऑफ का समीकरण कहता है कि 14 अंक आगे बढ़ने के लिए नाकाफी हैं. आखिर दिग्गज क्रिकेटरों से सुसज्जित दिल्ली कैपिटल्स से क्या गलतियां हुईं. आखिर डेविड वॉर्नर, मिचेल मार्श, अक्षर पटेल, एनिक नॉर्किया, लुंगी एंगिडी, पृथ्वी शॉ, मनीष पांडे जैसे क्रिकेटर कहां चूक गए. सौरव गांगुली, रिकी पोंटिंग, शेन वॉटसन जैसे मेंटोर और कोच क्यों फेल हो गए.
उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा कप्तान
दिल्ली कैपिटल्स की हार की पहली वजह तो उसके कप्तान डेविड वॉर्नर का उम्मीदों पर खरा ना उतरना रहा. विस्फोटक बैटिंग के लिए मशहूर डेविड वॉर्नर अपनी टीम के टॉप स्कोरर तो रहे लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 120 से भी कम रहा. अक्सर दिखा कि वॉर्नर क्रीज पर हैं, इसके बावजूद मैच में विरोधी गेंदबाज हावी हैं. ऑस्ट्रेलिया का यह दिग्गज अपने स्वभाव के विपरीत दबकर खेला. दबाव में खेला. क्रीज पर डटा, पर विरोधियों पर दबाव नहीं बना पाया. नतीजा- दिल्ली कैपिटल्स अक्सर जीत के पास आकर भी हारती रही.
अक्षर का सही इस्तेमाल नहीं
आईपीएल 2023 देखने वाले जानते हैं कि अक्षर पटेल दिल्ली के एकमात्र क्रिकेटर रहे, जो जब क्रीज पर होते तो लगता कि उनकी टीम जीत सकती है. भारत के इस ऑलराउंडर ने 33.37 की औसत से 267 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 138.34 रहा. अक्षर पटेल ने दिल्ली कैपिटल्स की ओर से सबसे अधिक 14 छक्के लगाए. लेकिन दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान डेविड वॉर्नर उनका सही इस्तेमाल नहीं कर पाए. महान क्रिकेटरों से सुसज्जित टीम मैनेजमेंट भी शायद वॉर्नर को इस बात के लिए नहीं मना पाया कि इनफॉर्म अक्षर पटेल को ऊपरी क्रम पर बैटिंग कराएं. अक्सर जब अक्षर पटेल बैटिंग करने आते तब तक दिल्ली के हाथ से मैच निकल चुका होता.
पृथ्वी का धरातल पर उतर आना
दिल्ली कैपिटल्स ने कुछ ही खिलाड़ियों को ऑक्शन से पहले रीटेन किया था. इनमें एक नाम पृथ्वी शॉ का था, जिन्हें ₹7.5 करोड़ देकर अपने साथ बनाए रखा. मगर पृथ्वी ने अपनी टीम और प्रशंसकों को बेहद निराश किया. उन्होंने 6 मैच में 40 गेंद पर सिर्फ 47 रन बनाए. दिल्ली के लिए ‘करेला वह भी नीम चढा’ वाली बात यह रही कि उसके पास पृथ्वी शॉ का सही रिप्लेसमेंट भी नहीं था. दिल्ली कैपिटल्स की ओपनिंग जोड़ी टूर्नामेंट के सबसे नाकाम जोड़ियों में से एक रही. टीम ने 4 बार तो बिना खाता खोले ही विकेट गंवा दिया.
इशांत शर्मा की लेट एंट्री
दिल्ली कैपिटल्स की सिर्फ बैटिंग ही नहीं, बॉलिंग भी फेल रही. इस टीम में एनिरक नॉर्किया जैसा स्पीडस्टर था, लुंगी एंगिडी-इशांत शर्मा जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज थे. लेकिन टीम मैनेजमेंट इनका सही यूनिट नहीं बनाया. इशांत शर्मा का ही उदाहरण लीजिए. इशांत ने 6 मैच में 6 विकेट लिए. उनका औसत 25 से कम और इकोनॉमी रेट 7.52 रहा. इसके बावजूद इशांत को बॉलिंग यूनिट में तब जगह मिली, जब वह मैच हारने लगी.
ऋषभ पंत पर निर्भरता
दिल्ली कैपिटल्स की हार यह भी बताती है कि टीम बनाते वक्त ऋषभ पंत के रिप्लेसमेंट के बारे में नहीं सोचा गया. अगर चोट का खेल का हिस्सा है तो किसी भी टीम को इसके लिए तैयार भी रहना पड़ता है. दिल्ली की टीम ने इसकी तैयारी नहीं की थी. यही वजह है कि ऋषभ पंत के चोट के कारण बाहर होते ही दिल्ली को एक साथ 3 कमियों का सामना करना पड़ा. पहली कमी कप्तानी की थी, जिसे कुछ हद तक डेविड वॉर्नर ने दूर किया. लेकिन मिडिलऑर्डर में बल्लेबाजी की कमी अंत तक दूर नहीं हुई. अक्सर जब भी टीम की ओपनिंग जोड़ी फेल हुई, मध्यक्रम भी चरमरा गया. या फिर मध्यक्रम ने टी20 की बजाय वनडे स्टाइल में बैटिंग शुरू कर दी. जैसा कि चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 3 विकेट जल्दी गिरने के बाद मनीष पांडे और राइली रासो ने 50 रन की साझेदारी की लेकिन इसके लिए उन्होंने 50 से ज्यादा गेंदें भी खेलीं. टी20 क्रिकेट में इसे नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली बैटिंग माना जाएगा. पंत होते तो ऐसा नहीं होता. और अंत में निश्चित तौर पर बतौर विकेटकीपर भी पंत की कमी खली.
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Tags: Axar patel, David warner, Delhi Capitals, IPL 2023
FIRST PUBLISHED : May 11, 2023, 12:22 IST
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