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‘द्रविड़ चोटिल थे, सेलेक्टर ने मुझसे पूछा और मैंने कहा..’ शास्त्री ने बताया-धोनी 16 साल पहले कैसे कप्तान बने? Cricket World Cup News

Cricket World Cup News

हाइलाइट्स

महेंद्र सिंह धोनी 2007 में भारत के कप्तान बने थे
रवि शास्त्री ने बताया कि धोनी को कैसे जिम्मेदारी मिली थी

नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट में कई बड़े खिलाड़ी आए हैं, जिन्होंने अपने खेल से देश की साख बढ़ाई है. लेकिन, बीते 20 सालों में अगर किसी एक खिलाड़ी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई तो वो महेंद्र सिंह धोनी हैं. माही सिर्फ इसलिए सुर्खियों में नहीं रहे कि उन्होंने भारत को 2 वर्ल्ड कप और एक आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जिताई, बल्कि जितनी उनको क्रिकेट की समझ है, उसे लेकर भी धोनी सबके चहेते हैं. यहां तक कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान भी धोनी के जबरा फैन हैं, जब नेतृत्व और टीम के साथियों में आत्मविश्वास जगाने की बात आती है तो धोनी के मुकाबले कोई नहीं.इसमें से एक रवि शास्त्री हैं, जिन्होंने धोनी को बतौर टीम मैनेजर और बाद में टीम इंडिया के हेड कोच होने के नाते बड़े करीब से देखा है.

हाल में ही स्टार स्पोर्ट्स पर एक शो के दौरान जब फैन ने रवि शास्त्री से पूछा कि अगर आईपीएल में खेलते तो फिर किसकी कप्तानी में खेलनेा पसंद करते? शास्त्री ने बिना लाग-लपेट सीधा जवाब दिया था कि मजा आएगा धोनी की कप्तानी में खेलने में. एक कप्तान के रूप में उनका रिकॉर्ड आपको उन्हें सबसे ऊपर रखने के लिए मजबूर करता है.

शास्त्री भी धोनी की कप्तानी में IPL खेलना चाहते हैं
पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री ने ये याद किया कि कैसे धोनी को 2007 में अगले भारतीय कप्तान के रूप में पसंद किया गया था. शास्त्री ने बताया, “शांत रहना एक चीज है, लेकिन जिस तरह से वह खेल को पढ़ते और समझते हैं वह शानदार है. मुझे याद है जब मैं 2007 में टीम इंडिया का मैनेजर था और दिलीप वेंगसरकर सेलेक्टर थे. राहुल द्रविड़ ईडन गार्डन में एक अभ्यास सेशन में राघायल हो गए थे, हम बात कर रहे थे, उसी दौरान कप्तान के लिए अचानक से महेंद्र सिंह धोनी का नाम सामने आया. वेंगसरकर ने मुझसे पूछा और मैंने कहा, इस शख्स (धोनी) में लीडरशिप की क्वालिटी है.”

कैसे बने धोनी भारतीय कप्तान?
शास्त्री ने आगे कहा कि इसमें अधिक समय नहीं लगा और दिलीप और हमारी सोच बिल्कुल एक सी थी. दिलीप उस समय एक आदर्श चयनकर्ता थे और उन्होंने महसूस किया था कि धोनी में कप्तानी की क्षमता है. इसलिए वह [वेंगसरकर] अगले कप्तान के रूप में जो गुण देख रहे थे, वो सिर्फ कूलनेस नहीं थी, बल्कि खेल की समझ, व्यक्तित्व और चरित्र भी अहम था…जब आप एक अच्छे कप्तान की तलाश कर रहे होते हैं तो इन सभी गुणों को खिलाड़ी में देखते हैं और धोनी में ये नजर आया था.

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पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने भी इससे जुड़ी कहानी एक बार साझा की थी. उन्होंने सीएसके के एक कार्यक्रम में कहा था, “द्रविड़ 2007 के वनडे विश्व कप में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद खुश नहीं थे और कप्तानी छोड़ना चाहते थे. बाद में उन्हें वनडे टीम से ड्रॉप कर दिया था. इसके बाद बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने बैठक बुलाई थी. इसमें सचिन तेंदुलकर, रत्नाकर शेट्टी और चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर थे. सचिन से जब कप्तान बनने के लिए कहा गया, तो उन्होंने इनकार कर दिया. अब सवाल उठा कि फिर कौन? तभी सचिन ने धोनी का नाम सुझाया और इसके बाद जो हुआ, वो इतिहास है.”

Tags: Ms dhoni, Ravi shastri, Sachin tendulkar, Team india

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