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धोनी के लिए चिलकती धूप सह रहे फैंस, 3 महीने चक्कर काटने पर भी नहीं मिला टिकट | – News in Hindi Cricket World Cup News

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दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शुक्रवार दोपहर को कैपिटल्स टीम का अभ्यास सत्र चल रहा था तो और ये लेखक गेट नंबर तीन से बाहर निकल रहे थे तो अचानक एक महिला की आवाज़ आती है- सर, कल के मैच का टिकट यहां मिलेगा? हम लोगों ने ऑनलाइन ट्राय किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली तो स्टेडियम आ गये और सोचा कि यहां से खरीद लें.

लेकिन, इस महिला फैन जो अपने पूरे परिवार के साथ कोटला में महेंद्र सिंह धोनी की एक झलक देखने के लिए आयीं तो उनके सवालों का जवाब देने के लिए कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था. भारतीय क्रिकेट बोर्ड दुनिया का भले ही सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है लेकिन जब बात फैंस की परवाह करने की आती है तो उसका नज़रिया बेहद ग़रीब सा दिखता है. बिहार के भागलपुर से आने वाली प्रभा कुमारी (तकरीबन 30-35 साल की उम्र होगी) के मासूम सवालों से आप भावुक हो सकतें हैं. एक तरफ उनके और उनके परिवार के दिल में धोनी के लिए बेपनाह सम्मान हैं जिसके लिए वो 40 डिग्री वाले तापमान में भी सबकुछ भूलकर हर हाल में एक टिकट खरीदना चाहतीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ आईपीएल की वे बेरुखी जहां पर आम फैंस के लिए एक टिकट खरीदना किसी किले को फतह करने से कम नहीं हैं.

लेकिन, शुक्रवार को धोनी की एक झलक देखने के लिए प्रभा अकेली फैन नहीं थी. जम्मू से अनुपम डोगरा करीब 3 घंटे से चिलचिलाती धूप में धोनी की एक पेंटिग लेकर इंतज़ार में खड़े थे. उनसे पूछने पर पता चला कि डोगरा बचपन से ही क्रिकेट सिर्फ धोनी के लिए देखते हुए आ रहें हैं क्योंकि वो उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा है. जब मैंने उन्हें ये बताया कि धोनी अभ्यास सत्र के लिए नहीं आ रहें हैं तब भी वो मायूस नहीं हुए और कहा कि कोई बात नहीं कल फिर आऊंगा और उम्मीद करूंगा कि एक झलक मिल जाये.

शाम 5 बजे के करीब जब चेन्नई सुपर किंग्स की टीम बस कोटला में प्रवेश कर रही थी धोनी-धोनी की गूंज से आस-पास का पूरा माहौल में एक अलग तरह की ऊर्जा दिखने लगी. टकटकी निगाह से हर कोई बस की खिड़की की तरफ देखने लगा और अपने अपने मोबाइल फैन से धोनी की एक तस्वीर को कैद करने की कोशिश . लेकिन अफसोस की बात है कि उन्हें सिर्फ और सिर्फ रवींद्र जडेजा और अंबाती रायडू, बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी ही दिखे. माही भाई अभ्यास करने नहीं आये हैं- ये शब्द सुनते ही हजारों की भीड़ इतनी जल्दी तितर-बितर हुई कि मानो पुलिस ने आकर डंडे का प्रयोग किया हुआ!

शनिवार को आईपीएल में दिल्ली के ख़िलाफ चेन्नई का मैच धोनी के लिए देश की राजधानी में आखिरी मैच माना जा रहा है. चूंकि, बाहर और झारखंड के बहुत सारे लोग दिल्ली में बस चुके हैं और उनके लिए धोनी से बड़ा अपनी ज़मीन का कोई और हीरो नहीं है. हर कोई चाहता है कि धोनी के साथ उस ज़मीनी रिश्ते का एहसास मैदान में एक झलक के साथ सम्मानपूर्व महसूस किया जाय. लेकिन, टिकट सबसे बड़ी समस्या है.

अनुभवी खेल पत्रकार होने के चलते इस लेखक को पिछले एक हफ्ते में इस मैच के लिए पास की गुजारिशें इतनी हुई हैं जिसे पिछले एक दशक में कभी महसूस नहीं किया था. दिल्ली क्रिकेट संघ के अधिकारी हो या फिर दिल्ली कैपिटल्स के अधिकारी, हर किसी के पास इस मैच के लिए कम से कम हजार फैंस की मिन्नतों और दबाव से गुज़रना पड़ रहा है. कई नियमित अधिकारियों ने स्टेडियम आना छोड़ दिया है तो बहुत सारे अधिकारियों ने अपने फोन स्विच ऑफ कर लिये हैं. हर कोई धोनी-मेनिया से खुश नहीं हैं!

बिहार के एक और क्रिकेट प्रेमी तरुण कुमार मंडल पिछले 2-3 तीन दिनों से लगातार कोटला का चक्कर काट रहें हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें एक टिकट हासिल नहीं हुआ है लेकिन वो मेन गेट के बाहर ही धोनी की एक झलक के लिए इंतज़ार कर रहें हैं. शनिवार की सुबह से ही मंडल जैसे हज़ारों लोग लाइन में लग चुके हैं और मैच शुरु होने के लेकर ख़त्म होने तक उन्हें ना जाने कितनी बार पुलिस की लाठी और डंडे को भी झेलना पड़ेगा. लेकिन, इन सबसे से उन्हें कोई चोट या परवाह नहीं है. ज़्यादातर लोगों का मानना है कि धोनी की एक झलक के लिए ये दर्द भी मंजूर.

अंत्तराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद आम-तौर पर किसी भी बड़े से बड़े खिलाड़ी की लोकप्रियता ढलान पर दिखने लगती है क्योंकि नई पीढ़ी के लिए नये हीरो सामने आने लगते हैं. लेकिन धोनी के साथ इसका उल्टा हो रहा है. वो सिर्फ दो महीने की आईपीएल में शिरकत करते हैं लेकिन उनकी लोकप्रियता विराट कोहली और रोहित शर्मा को लोकप्रियता को मिलाने के बावजूद भी कई गुणा ज़्यादा दिखती है. सचिन तेंदुलकर का भी अपने आखिरी दौर में ऐसा ही जलवा दिखता था. खिलाड़ी के तौर पर और उपल्बधियों के लिहाज से तेंदुलकर और धोनी की कोई तुलना नहीं हो सकती है लेकिन जहां तक आम लोगों में दुलार, सम्मान और लोकप्रियता की बात का जिक्र जब भी होगा तो धोनी कभी भी इस मामले में तेंदुलकर से उन्नीस नहीं होगें. अगर आपको इस बात पर यकीन नहीं है तो आईपीएल के बचे हुए मैचों में किसी भी मैदान का एक बार चक्कर लगा लें. और अगर मैदान का चक्कर नहीं लगा सकतें हैं तो उन शहरों के होटल में चले जायें जहां पर टीमें ठहरती हैं. होटल के बाहर भी हर वक्त करीब 500 या उससे ज़्यादा फैंस पूरे दिन धोनी की एक झलक के लिए कड़ी धूप में भी आपको इंतज़ार करते दिख जायेंगे.

ब्लॉगर के बारे में

विमल कुमार

न्यूज़18 इंडिया के पूर्व स्पोर्ट्स एडिटर विमल कुमार करीब 2 दशक से खेल पत्रकारिता में हैं. Social media(Twitter,Facebook,Instagram) पर @Vimalwa के तौर पर सक्रिय रहने वाले विमल 4 क्रिकेट वर्ल्ड कप और रियो ओलंपिक्स भी कवर कर चुके हैं.

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