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नई दिल्ली. वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिए हुए भले ही 8 वर्ष हो गए हैं लेकिन वे अभी भी क्रिकेटप्रेमियों के दिलों पर राज करते हैं. ‘वीरू’ की पहचान ऐसे क्रिकेटरों में होती है जिन्होंने अपनी ‘तोड़ू’ बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट की परिभाषा बदली. उनका जैसा खौफ विपक्षी गेंदबाजों पर रहा, शायद ही किसी का रहा हो. वे पहली गेंद खेल रहे हों या सेट हो चुके हों,कमजोर गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजने में उन्होंने कभी भी परहेज नहीं किया. कई बार तो बेहतरीन गेंदों को भी सहवाग इस खूबी से चौके/छक्के के लिए बाउंड्री से बाहर भेजते थे कि गेंदबाज असहाय खड़ा देखता रह जाता था.वीरेंद्र सहवाग ने वैसे तो हर देश और टीम के गेंदबाजों की जमकर खबर ली लेकिन उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, प्रबल प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ दिया.
पाकिस्तान के खिलाफ वीरू ने टेस्ट क्रिकेट में एक तिहरा और तीन दोहरे शतक लगाए. सहवाग की गेंद को हिट करने की क्षमता के मुरीद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक (Inzamam-ul-Haq) ने एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘न तो इसकी अपनी इज्जत है, न ये किसी की इज्जत करता है.’
मुझे अपनी कप्तानी पर शक हो रहा था
भारत में एक टीवी कार्यक्रम में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (sourav ganguly) के साथ शिरकत करते हुए ‘इंजी’ ने कहा था, ‘सहवाग विकेट पर खड़ा हो जाता था तो रनों के फ्लो को रोकना और उसके लिए फील्ड सेट करना मुश्किल होता था.’ उन्होंने कहा था, ‘ सहवाग के खिलाफ कप्तानी करना इतना मुश्किल था, टेस्ट का पहला दिन है और पहला घंटा चल रहा है और पांच फील्डर मैंने बाउंड्री पर खड़े कर रखे हैं. मुझे अपनी कप्तानी पर खुद भी शक हो रहा था कि मैं सही कर रहा हूं या गलत कर रहा हूं. क्या हो रहा है. आते ही न फील्डर देख रहा है कि मैंने मिडऑन पीछे ले रखी है तो उस पर हिट न मारो, उसके ऊपर से (सहवाग) हिट मार देता था. मिडविकेट पीछे ले रखी है, उसके ऊपर भी मार देता था. मैं यह कहता था कि न इसकी अपनी इज्जत है और न ये किसी की इज्जत करता था.’
मारे जाता था,बस मारे जाता था
क्रिकेटप्रेमियों के ठहाकों के बीच पाकिस्तानी दिग्गज इंजमाम ने कहा था, ‘बड़ा खतरनाक प्लेयर था, मारे जाता था, बस मारे जाता था. इसमें जो क्वालिटी थी वह यह थी कि ये नहीं कि तेज खेलता था तो कोई थोड़ा स्कोर करता था. स्कोर भी हमारे खिलाफ 200-200 करता था. हमारे खिलाफ तिहरा शतक भी मारा.ऐसे प्लेयर के खिलाफ कप्तानी करना और फील्ड सेट करना बेहद मुश्किल था.’ उन्होंने कहा, ‘वह खतरनाक प्लेयर था. वैसे कप्तान के तौर पर जब कोई बल्लेबाज ऊंचा खेले तो मैं खुश होता था कि यह बल्लेबाज हवा में हर दो मिनट बाद बॉल फेंकता है किसी भी टाइम आउट हो जाएगा. लेकिन इस प्लेयर (सहवाग) पर डर लगता था कि यह गेंद को नीचे ही खेले तो अच्छा है. वह स्ट्रोक प्लेयर था और अपनी क्षमता को पूरी तरह यूटिलाइज करता था.’
पावरप्ले में कहना पड़ता था, वीरू..थोड़ा रोक ले
कार्यक्रम में मौजूद गांगुली ने कहा था, ‘मैं सहवाग के बारे में एक चीज कहना चाहता हूं, मैंने गावस्कर को कभी लाइव देखा नहीं है क्योंकि उन्होंने जब क्रिकेट खेला तब मैं बहुत छोटा था. टीवी में देखता था लेकिन सहवाग से बड़ा ओपनर मैंने इंडियन क्रिकेट में देखा नहीं है.उनसे कहना पड़ता था कि वीरू, थोड़ा सा रोक ले. मैंने उसने कभी यह नहीं कहा कि वीरू, मैच जीतना है थोड़ा जल्दी खेल ले.उनको कहना पड़ता था, वीरू..थोड़ा सा रोक ले और वनडे क्रिकेट में उनसे यह कहता था. किसी कप्तान ने किसी बल्लेबाज को पावर प्ले में यह नहीं कहा होगा कि पहले पांच ओवर, तूं थोड़ा रोक ले.’ इस सवाल पर कि इस स्थिति में वीरू का रिक्एशन क्या होता था, गांगुली ने कहा कि वह कहता था कि हां,ठीक है लेकिन क्रीज पर जाकर करता वहीं था तो उसे करना होता था.
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Tags: Inzamam ul haq, Sourav Ganguly, Virender sehwag
FIRST PUBLISHED : April 28, 2023, 13:30 IST
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