IND vs AUS 4th Test | उस्मान ख्वाजा का शतक, ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट पर 255 रन


Usman Khawaja's century, Australia 255 for four

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अहमदाबाद: सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा के नाबाद शतक और उनकी तीन अर्धशतकीय साझेदारियों से ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन गुरुवार को पहली पारी में चार विकेट पर 255 रन बनाकर अपना पलड़ा भारी रखा।  पारी का आगाज करने उतरे ख्वाजा ने 251 गेंद की अपनी पारी में 15 चौकों से नाबाद 104 रन बनाए और एक छोर संभालकर रखा।

उन्होंने ट्रेविस हेड (32) के साथ पहले विकेट के लिए 61, कप्तान स्टीव स्मिथ (38) के साथ तीसरे विकेट के लिए 79 और कैमरन ग्रीन (नाबाद 49, 64 गेंद, आठ चौके) के साथ पांचवें विकेट के लिए 85 रन की अटूट साझेदारी की। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे सत्र में एक भी विकेट नहीं गंवाया जो पूरी श्रृंखला में पहला सत्र है जिसमें कोई विकेट नहीं गिरा। भारतीय गेंदबाजों को धीमी और सपाट पिच पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को आउट करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

मेहमान टीम के बल्लेबाजों को रविचंद्रन अश्विन (57 रन पर एक विकेट), रविंद्र जडेजा (49 रन पर एक विकेट) और अक्षर पटेल (बिना विकेट के 14 रन) की तिकड़ी को खेलने में अधिक परेशानी नहीं हुई। मेजबान टीम के सबसे सफल गेंदबाज मोहम्मद शमी रहे जिन्होंने 65 रन देकर दो विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया ने दिन के खेल के दौरान 2.83 की रन गति से रन बनाए। टीम शुरुआती दो सत्र में 2.40 की रन गति से ही रन बना पाई थी जो दर्शाता है कि पिच पर रन बनाना आसान नहीं है। मेहमान टीम के बल्लेबाजों ने हालांकि नई गेंद के खिलाफ दोनों मौकों पर आसानी से रन बटोरे।

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सुबह के सत्र में अश्विन और शमी ने एक-एक विकेट चटकाया जिससे ऑस्ट्रेलिया ने लंच तक दो विकेट पर 75 रन बनाए। ख्वाजा और हेड ने पहले विकेट के लिए 61 रन जोड़कर मेहमान टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। अश्विन और शमी ने हालांकि हेड और मार्नस लाबुशेन (03) को जल्दी-जल्दी आउट करके भारत को वापसी दिलाने की कोशिश की। हेड पहले घंटे में अच्छी लय में दिखे लेकिन इसके बाद खराब शॉट खेलकर पवेलियन लौटे। अश्विन की गेंद के करीब पहुंचे बिना उन्होंने हवा में शॉट खेला और मिड ऑन पर जडेजा को आसान कैच दे बैठे।

इससे पहले हेड को सात रन के निजी स्कोर पर जीवनदान मिला था जब उमेश यादव की गेंद पर विकेटकीपर श्रीकर भारत ने उनका आसान कैच टपका दिया था। उमेश ने हालांकि काफी ढीली गेंद फेंकी जिसका फायदा उठाकर हेड ने अपने सात में से छह चौके उन पर जड़े। लाबुशेन अतिरिक्त सतर्कता के साथ खेलने की कोशिश में शमी की नीची रहती गेंद को विकेटों पर खेल गए। भरत पहले सत्र को भुलाना चाहेंगे जहां विकेट के दोनों छोर पर वह असमान उछाल से परेशान रहे। उन्हें एक छोर पर नीची रह रही गेंद को पकड़ने में परेशानी हुई और उन्होंने बाई के आठ रन देने के अलावा एक आसान कैच भी टपकाया। 

ख्वाजा ने लेग साइड से बाहर की गेंदों को विशेष रूप से निशाना बनाया। उन्होंने शमी पर चौके के साथ 146 गेंद में श्रृंखला का अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। वह श्रृंखला में 50 रन से अधिक की तीन पारियां खेलने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं। उन्होंने स्मिथ के साथ मिलकर दूसरे सत्र में भारतीय गेंदबाजों को एक भी सफलता हासिल नहीं करने दी। लाबुशेन की तरह स्मिथ ने भी अधिक सतर्कता के साथ बल्लेबाजी की और उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। वह तीसरे सत्र की शुरुआत में ही लाबुशेन की तरह जडेजा की गेंद को विकेटों पर खेल गए। जडेजा की अंदर आती गेंद उनके बल्ले का किनारा लेने के बाद पैड से और फिर विकेटों से टकरा गई।

स्मिथ ने 135 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके मारे। शमी ने इसके बाद पीटर हैंड्सकॉम्ब (17) को बोल्ड करके ऑस्ट्रेलिया का स्कोर चार विकेट पर 170 रन किया। ख्वाजा और ग्रीन ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। ग्रीन ने शमी और अश्विन पर चौके मारे। ख्वाजा ने भी शमी और जडेजा पर चौके जड़े।

भारत ने 82वें ओवर में नई गेंद ली तो ग्रीन ने उमेश का स्वागत दो चौकों के साथ किया। पहली नई गेंद की तरह दूसरी नई गेंद के खिलाफ भी ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को शॉट खेलने में आसानी हुई। ग्रीन ने 85वें ओवर में शमी पर दो चौके मारे।  ख्वाजा ने दिन के अंतिम ओवर में शमी पर चौके के साथ 246 गेंद में शतक पूरा किया। वह मौजूदा श्रृंखला में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के बाद शतक जड़ने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज बने। 





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