Cricket World Cup News
हाइलाइट्स
नो बॉल को वैध गेंद नहीं माना जाता
नो बॉल बैटर्स के लिए फायदेमंद होता है
नई दिल्ली. क्रिकेट की दुनिया में नो बॉल (No- ball) जुर्म की तरह माना जाता है. गेंदबाज यदि नो बॉल या वाइड गेंदें फेंकने लगता है तब, उनकी गेंदबाजी पर सवाल उठने लगते हैं. वर्ल्ड क्रिकेट में आज भी कई गेंदबाज ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर में एक भी नॉ बॉल नहीं फेंकी वहीं दूसरी ओर कई बॉलर ऐसे भी हैं जो नो बॉल के जरिए शर्मनाक रिकॉर्ड बना चुके हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरी ये नो बॉल क्या है? और कितने तरह की होती है? अंपायर कब इसका इशारा करता है? आज इस आर्टिकल में नो बॉल की बात करेंगे और जानेंगे कि नो बॉल पर बैटिंग करने वाली टीम को कितने रन मिलते हैं.
क्रिकेट की भाषा में नो बॉल वह गेंद होती है जिसे वैलिड नहीं माना जाता है. यदि कोई गेंदबाज की गेंद को नो बॉल करार दी जाती है तब, बैटिंग करने वाली टीम को एक रन अतिरिक्त मिलता है. यह रन बैटर के खाते में नहीं जुड़ता है. नो बॉल गेंद पर रन बनाने पर बैटर को रन मिलता है और गेंदबाज को एक अतिरिक्ट गेंद फेंकनी होती है. नो बॉल पर बैटर सिर्फ रनआउट हो सकता है. इसका मतलब साफ है कि रन आउट के सिवाय नो बॉल गेंद पर बैटर किसी अन्य तरह से आउट नहीं हो सकता.

क्रिकेट में नो बॉल का नियम
वनडे और टी20 में बैटर को मिलती है फ्री हिट
वनडे और टी20 क्रिकेट में यदि गेंदबाज नो बॉल फेंकता है तो अगली गेंद फ्री हिट होती है. फ्री हिट पर बैटर 4 तरीके से आउट हो सकते हैं. इनमें रनआउट, हैंडल्ड द बॉल, ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड या फिर हिट द बॉल शामिल है. इसके अतिरिक्त फ्री हिट पर बैटर अन्य तरीकों से आउट नहीं हो सकता है. आईसीसी के नियम के मुताबिक यदि नो बॉल पर कैच होने के बाद बैटर रन दौड़ता है तो यह उसके खाते में जुड़ता है. ऐसे ही गेंद यदि बल्ले का किनारा लेकर स्टंप में लग जाए तो भी बैटर दौड़कर रन ले सकता है. गेंद यदि बल्ले में ना लगकर सीधे स्टंप्स से लगे तो बैटर रन भाग सकते हैं लेकिन यह लेग बाई के रूप में होगा.

क्रिकेट में फ्री हिट.
कब-कब गेंद को नो बॉल करार दी जाती है
बॉलर का पैर गेंदबाजी करते समय लाइन के आगे निकल जाता है तो वह गेंद नो बॉल मानी जाती है. वर्तमान में यदि गेंदबाज का पैर लाइन पर होता है, तब अंपायर उसे नो बॉल करार दे देते हैं. फुल टॉस गेंद यदि बैटर की कमर से ऊपर रहती है तब नो बॉल करार दी जाती है. अंपायर को लगे कि गेंदबजा थ्रो फेंक रहा है तब, वह नो बॉल करार देता है. गेंद बैटर के पास पहुंचने से पहले दो बार टप्पा खाती है तब भी नो बॉल होती है. गेंद बैटर के पास पहुंचने से पहले ही रुक जाए तो भी नो बॉल होती है. लेग साइड में स्क्वेयर के पीछे (स्टंप लाइन के पीछे) दो से ज्यादा फील्डर मौजूद रहते हैं तब भी गेंद नो बॉल होती है. गेंदबाज के गेंदबाजी करते समय नॉन स्ट्राइक एंड पर स्टंप्स से टकराने जाने पर भी गेंद नो करार दी जाती है.

क्रिकेट में नो बॉल कितने तरह की होती है.
90 के दशक से पहले नो बॉल पर अतिरिक्त रन नहीं दिए जाते थे. तब यदि कोई बैटर नो बॉल पर 4 या 6 रन के लिए गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाता था तब सिफ 4 या 6 रन ही मिलते थे. उस समय एक अतिरिक्त रन नहीं मिलता था. फ्री हिट का नियम साल 2015 में आया.
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FIRST PUBLISHED : May 07, 2023, 13:42 IST
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